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गुरुवार, 16 अगस्त 2012

महान पौराणिक महिलाएं : प्रचलित बनाम वास्तविक नाम

 - देवदत्त शर्मा  

 (यह शोध परक लेख श्री देवदत्त शर्मा , अजमेर ने भेजा हैजो मूलतः रेवेन्यू बोर्ड अजमेर में एडवोकेट हैं। वकालत के नीरस पेशे का साहित्य रसास्वादन एवं सृजनअध्यवसाय से दूर दूर का वास्ता नहीं होता किन्तु व्यक्ति के भीतर रस का सोता कहीं सोता हो तो अवसर पाते ही फूट पड़ता है। आशा है श्री शर्माजी का यह सर्वथा मौलिक लेख आपको नवीन जानकारियों से रू-ब-रू कराएगा -संपादक ) 

           भारतीय संस्कृति मातृशक्ति की संस्कृति रही है। समाज में पुरुषों के साथ महिलाओं को सदा सम्मानजनक स्थान मिला है। पौराणिक गाथाओं में विख्यात महिलाओं के प्रसंग हैजो आज सर्वत्र वन्दनीय है। जन मानस में प्रत्येक की वाणी पर इनके नाम अमर है। परन्तु आश्चर्य इस बात का है कि जिन नामों से ये नारियाँ विख्यात हैवे इनके वास्तविक नाम नहीं है। कुछ के वास्तविक नामों का उल्लेख हैपरन्तु उनका प्रचलन ही नहीं है। नाम का यह रहस्य विशेषणों एवं राजनीतिक प्रभाव को ही दर्शाता है। तथापि इन नारियों ने अपनी प्रतिभा के बल पर ख्याति प्राप्त की है। ऐसी ही कुछ वन्दनीय महिलाओं के नामों का उल्लेख करना उचित होगाजिनसे भारतीय संस्कृति एवं समाज सदा प्रभावित रहे हैं। ये हैं-  

देवी पार्वती
 (1) पार्वती- भगवान शिव की पत्नी शक्ति स्वरूपा एवं देवी माँ के रूप में पूजनीय है। ‘पार्वती’ नाम से विख्यात संज्ञा वस्तुतः कुल परंपरागत नाम है। पर्वतराज (हिमवान) की पुत्री होने के कारण इन्हें पार्वती नाम से जाना जाता है। पार्वती का वास्तविक नाम तो ‘शिवा’ है। किन्तु इनके  शिवा’ नाम से जन मानस अनभिज्ञ है। 



माता कौशल्या 
 (2) कौशल्या- मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की माता का यह नाम वास्तविक नहीं है। वस्तुतः कौशल राज्य की राजकुमारी होने के कारण इन्हें ‘कौशल्या’ के नाम से जाना जाने लगा। इनके वास्तविक नाम का कहीं कोई उल्लेख नहीं है। 



माता सुमित्रा 
 (3) सुमित्रा- अयोध्या नरेश दशरथ की दूसरी पत्नी का नाम सुमित्रा भी उनके पिता के सन्दर्भ में है|इनके पिता का नाम सुमित था अतः इन्हें लोक में सुमित्रा के नाम से जाना जाता है। 


माता कैकेयी
 (4) कैकेयी - महाराज दशरथ की तृतीय महत्वाकांक्षी पत्नी कैकेयी को मैं सर्वाधिक वन्दनीय मानता हूँ। कैकेयी का सम्पूर्ण जीवन लोकरक्षक का रहा है। कैकेय नरेश की पुत्री होने के कारण अयोध्या में इन्हें कैकेयी के नाम से जाना जाता है। इनके वास्तविक नाम का कहीं कोई जिक्र नहीं हैं। यह महिला रघुकुल की प्रतिष्ठित,राम,दशरथ एवं सम्पूर्ण रघुकुल की हितैषी रही है। कठोर निर्णय लेने के कारण लोक में इनकी आलोचना हुयी। 



माता शबरी
 (5) ‘शबरी’- भी वास्तविक नाम नहीं है। वस्तुतः शबर नामक आदिवासी जाति के नाम से इस महिला को ‘शबरी’ के नाम से जाना गया। आदिवासी जाति भील का सुसंस्कृत नाम शबर है। 



माता गांधारी
 (6) गांधारी- महाभारत की विख्यात महिलाधृतराष्ट्र की पत्नी तथा दुर्योधन की माता गंधार प्रदेश की राजकुमारी थीइसलिए कुरु कुल में यह गांधारी के नाम से जानी गयी। इनके भी वास्तविक नाम का कहीं कोई जिक्र नहीं है। 




सूर्य का आव्हान करती राजकुमारी कुंती 
 (7) कुंती- पांडवों की माता का वास्तविक नाम ‘पृथा’ था। यह कृष्ण के पिता वासुदेव की बहन थी। पृथा के पिता शूरसेन ने अपने निस्संतान मित्र ‘कुन्तिभोज’ को पृथा गोद दी थीअतः कुन्तिभोज के नाम पर पृथा को कुंती के नाम से जाना गया। इनका आज भी इनका विख्यात एवं प्रचलित नाम कुंती ही है। 



पांडू की मृत्यु पर विलापरत माद्री 
 (8) माद्री- पांडवों की दूसरी माता ‘मद्रदेश’ की राजकुमारी थीअतः उन्हें ‘माद्री’ के नाम से जाना जाता है। इनका भी वास्तविक नाम अज्ञात है। 





द्रौपदी
 (9) द्रौपदी- अपने समय की सताई हुयी किन्तु स्वभाव से क्षमाशील नारी द्रौपदी को यह नाम अपने पिता द्रुपुद के कारण मिला। आज भी यह लोक में यह इसी नाम से विख्यात है। वस्तुतः अग्निकुंड से उत्पन्न इस महिला का वर्ण श्याम रंग (कृष्ण वर्ण) थाअतः इसका नाम  कृष्णा रखा गया। महा भारत में इस नाम का उल्लेख हैकिन्तु इस नाम से यह महिला अल्पज्ञात है। 



माता सीता 
 (10) वैदेही- मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की पत्नी ‘सीता’ जनमानस में आदर्शतम एवं सर्वपूज्य महिला है। हल से भूमि जोतने के दौरान भूमि पर बनी लकीर को सीता कहा जाता है। इस महिला के जन्म की यही कहानी है। जनक राज्य की पुत्री होने के कारण जानकी तथा अपने पिता विदेह के नाम पर ‘वैदेही’ नाम से प्रसिद्द है। 
  इसी प्रकार और भी विख्यात महिलायें भारतीय संस्कृति में हुई हैजिनके नाम का रहस्य उजागर नहीं है. सभी की ख्याति और उनका व्यक्तित्व तत्कालीन राजनीति और अन्य आधारों पर प्रचलित है।                   
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